हम सुधरेंगें तो ही देश सुधरेगा- वागीश दिनकर
महमूदाबाद, सीतापुर
हमारा देश ऐसे ही आजाद नहीं हुआ, लाखों जानें खोकर हमने ये आजादी पायी है। स्वाधीनता संग्राम में लाखों स्त्रियाँ विधवा हो गई, माताओं ने पुत्र एवं बहनों ने अपने भाई को खो दिये, तब जाकर हम आजाद हुए। उक्त विचार सीता चिल्ड्रेन एकेडमी द्वारा आयोजित स्वतन्त्रता दिवस की प्रभात बेला पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर सर्राफा व्यापार मंडल के अध्यक्ष चन्द्रकाँत रस्तोगी कुँवर ने व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वाति सेवा संस्था की संचालिका एवं समाजसेवी डा एमणि मिश्रा ने की। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उपप्रधानाचार्य वागीश दिनकर ने कहा कि जिन दिन हमारे अंदर इतना साहस पैदा हो जायेगा कि हम दूसरों पर अंगुलियां उठाने की बजाय स्वयं की कमियां तलाशने लगेगें उन्हें सार्वजनिक रूप से स्वीकारने लगेंगें तब हम अपने को सुधार सकते है। हम सुधरेगे तो समाज सुधरेगा और समाज सुधरेगा तो देश सुधरेगा। अगर हम बलिदानी स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत बना सकें और राष्ट्र निर्माताओं द्वारा बनाई राह पर चल सकें तो कोई चुनौती हमारा रास्ता रोक नहीं सकती। विद्यालय के दो दर्जन छात्र-छात्राओं ने विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से देश के प्रति अपना स्नेह एवं आभार व्यक्त किया। राष्ट्रीय ध्वज के फहरते ही कार्यक्रमों का शुभारम्भ हुआ। सरस्वती वन्दना, भारत वन्दना,भाषण, गायन एवं देशभक्तिपूर्ण नृत्यों का प्रस्तुतीकरण विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा किया गया। सौम्या, उजमा, यशी, मुदिता, यशस्वी, मुस्कान, इकरा, मोऽवसीम, श्रेजल, हर्ष, जयंत, खुशबू सहित दो दर्जन से भी अधिक विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुति दी। मुख्य अतिथि एवं कार्यक्रमाध्यक्ष को विद्यालय की ओर से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को विद्यालय के उप-प्रबंधक वागीश दिनकर, प्रिसिंपल डीके गिरि, अनुशासन प्रमुख शंशाक शेखर शुक्ल आदर्श जायसवाल ने भी सम्बोधित किया। विद्यालय एवं मुख्य अतिथि ओर से सभी प्रतिभागियों को पुरुस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन अदीबा सिद्दकी एवं खुशी रस्तोगी ने किया। इस अवसर पर आशुतोष शुक्ल, निवेदन मिश्र, आरती सिंह, ललित अवस्थी सहित अनेक शिक्षक-शिक्षिकाएँ एवं अभिभावक मौजूद रहे।
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