महमूदाबाद-
जूनियर अधिवक्ता सीनियर अधिवक्ताओं के सानिध्य मे रहकर न्यायिक कार्य प्रणाली सीखें और वादिकारियों को न्याय दिलाने के साथ आगे बढें। सीनियर अधिवक्ता अपने जूनियर अधिवक्ताओं की आर्थिक आवश्यकताओं का ध्यान रखें क्योंकि घर-गृहस्थी चलाने के लिये सभी को धन की आवश्यकता होती है। बार व बेंच के बीच कभी कटुता होती ही नहीं है । बार के लोगो को यदि कभी कोई समस्या दिखे तो टकराव व आंदोलन का रास्ता न अपनाकर बार के पदाधिकारी उच्चाधिकारियों से मिलकर समस्या का समाधान निकालें। यह बात लखनऊ हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार सिंह ने महमूदाबाद लायर्स एसोसिएशन की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को शपथ ग्रहण कराने के बाद मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कही। न्यायमूर्ति ने अपने को अधिवक्ता के रूप में शामिल करते हुए कहा कि अशिक्षा व बेरोजगारी के कारण देश में अपराध बढ रहा है। युवा अपनी जरूरते पूरी करने के लिये कम्प्यूटर ज्ञान का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं इससे साइबर क्राइम में बढोत्तरी हो रही है। उन्होने कहा कि अधिवक्ता अपने अंदर झांके और कर्तव्य का ध्यान रखें क्योंकि कभी कभी अधिवक्ता बिना समझे मुकदमे लेकर जिताने की गारंटी ले लेते है और न्यायालय पर दबाव बनाते है। यहीं से बार और बेंच के बीच विसंगतियां उत्पन्न होती है।