युवती को अगवा नहीं कर सके तो चला दी गोली.....


महमूदाबाद, (सीतापुर)
        सदरपुर थाना क्षेत्र में युवती को अगवा करने आए असलहों से लैस दबंगों ने असफल होने पर जमकर अंधाधुंध फायरिंग की। फायरिंग में युवती समेत तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। परिजनों को घायल कर युवती को अगवा कर भाग रहे दबंगों को ग्रामीणों ने घेर लिया और एक को पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस ने दबंगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर घायलों को इलाज के लिए सीएचसी तथा मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेजा।
        थाना क्षेत्र के ग्राम लंघनिया निवासी सोबरन पुत्र राम प्रसाद वर्ष 2013 में थानगांव थाना क्षेत्र के ग्राम मोहनपुरवा निवासी अपने बहनोई सियाराम की बहन अनीता को भगा ले गया था। इस मामले में थाने में मु.अ.सं. 49/2013 के तहत धारा 498 आईपीसी के तहत दर्ज हुआ था। मामले में अनीता का बयान न्यायालय में हुआ था जिसमें उसने सोबरन के साथ ही जाने की बात कही थी। न्यायालय द्वारा अनीता को सोबरन के सुपुर्द कर दिया गया था। बीती 12/13 अप्रैल की रात अनीता के भाई सियाराम व पुत्तीलाल पुत्रगण देवतादीन निवासी मोहनपुरवा थानगांव, हनुमान पुत्र कामता निवासी भैंसहा थाना सकरन व तीन चार अन्य साथियों के साथ असलहों से लैस होकर आ धमके और घर में घुसकर अनीता को साथ ले जाने लगे। विरोध करने पर हमलावरों ने अनीता को लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया। अनीता के साथ मारपीट होती देख उसका पति 30 वर्षीय सोबरन व जेठ 35 वर्षीय बहादुर आ गए और विरोध करने लगे। हमलावरों ने अपने को घिरता देखकर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में गोली लगने से सोबरन व बहादुर गंभीर रूप से घायल होकर गिर गए। दोनों के गिर जाने पर हमलावर युवती को लेकर घर से निकल गाए किंतु गोलियों की तड़तड़ाहट से गांव के लोग जग गए और सोबरन के घर की ओर दौड़ पड़े। ग्रामीणों ने हमलावरों को घेर लिया। अपने को घिरता देख हमलावर युवती को छोड़कर भागने लगे जिसमें एक हमलावर भीड़ के हत्थे चढ़ गया जिसे ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार डाला। मृतक की पहचान 55 वर्षीय हनुमान पुत्र कामता निवासी भैंसहा थाना सकरन के रूप में की गई। सूचना मिलते ही सदरपुर, थानगांव, रामपुर मथुरा सहित कई थानों की पुलिस मौके पर जा पहुंची। पुलिस को मृतक के पास से एक देशी 315 बोर राइफल छह खोखा तथा एक जिंदा कारतूस व, एक बुलेट बरामद हुई। पुलिस ने मृतक के शव का पंचनाम कर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेजा। घायलों को इलाज के लिए सीएचसी महमूदाबाद भेजा गया जहां से प्राथमिक उपचार के बाद डाक्टरों ने लखनऊ के मेडिकल कालेज स्थित ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। थानाध्यख यदुनंदन सिंह ने बताया कि सोबरन की तहरीर पर सियाराम व पुत्तीलाल पुत्रगण्पा देवतादीन निवासी मोहनपुरवा थानगांव व तीन-चार अन्य के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 452, 307 व 25 आम्र्स एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू की।

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13 April 2016 at 19:15 delete

आज १४/४/२०१६ को पूरा विश्व जब दलितों शोषितों के मसीहा भारतीय संविधान के जनक डॉ भीमराव अम्बेडकर जी की १२५वीं जयन्ती मना रहा है तो कुछ सत्ता की लोलुप मनुवादी पार्टियां जोकि शुरु से ही अम्बेडकर,मूलनिवासी, एवम् आरछण का खुलकर विरोध करते थे आज जयन्ती मना रहे हैं यही नही आरछण का राग अलाप रहे हैं।सभी भारतीयजानते हैं कि आज राष्ट्रवाद का पेटेन्ट कराने वाले लोग कभी तिरंगे को जलाया करते थे बाबा साहब का पुतला भी जलाया करते थे।यही मनुवादी आज भी समाज में वर्णभेद जातिभेद लिंगभेद पाखण्ड को बढावा देते हैं।आज दलितों शोषितों के बढते हौसलों के आगे ये मनुवादी सत्ता के लालच में गधे को मामा बनाकर पूजने को तैयार है।अरे भाई हमें हमारे हाल पर छोड दो हमें क्या करना है हमारा क्या अधिकार है अब आपसे नही जानना।ये बताओ जब होई धर्म की हानि मुगलो ने 700 साल शासन किया ब्राहमणो ने मुगलो भारत छोडो आन्दोलन नही चलाया क्योकि मुगलो ने जातिभेद बनाये रखा शूद्रो को अधिकार विहीन रखा और ब्राहमणो राजपूतो को शासन मे भागीदार बनाया परन्तु अंग्रेजो ने 200 शासन किया तो ब्राहमणो ने अंग्रेजो भारत छोडो आन्दोलनक्यो चलाया क्योकि अंग्रेजो ने भारत की मनुवादी व्यवस्था को चुनौती दी और शूद्रो को शिक्षा और मानवीय अधिकार देना शुरू किया तो ब्राहमणो ने आजादी का आन्दोलन चलाया क्योकि मनुवाद खतरे मे पड गया था ।ब्राहमण जातिवादी होता है इसलिए पूरे देशे अंग्रेजो के खिलाफ संघर्ष करने लगा ।अंग्रजो भगाकर फिर से मनुवाद स्थापित किया भारतीय संविधान को ब्राहमणनही मानते जातिवाद भेदभाव मनुवाद को लागू करने को ही हिन्दुत्व कहते है ।इसलिए गांधी ने सवर्णो को ही तीन बंदर कहा ब्राहमण राजपूत और वैश्य यही है तीनोबंदर जो शूद्रो अछूतो आदिवासियो मूलनिवासियो के अधिकार हडपने मे आंख कान और मुंह बन्द रखते है ।जागो बहुजन मूलनिवासी जागो ।जय भीम जय भारत।

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13 April 2016 at 19:18 delete

आज १४/४/२०१६ को पूरा विश्व जब दलितों शोषितों के मसीहा भारतीय संविधान के जनक डॉ भीमराव अम्बेडकर जी की १२५वीं जयन्ती मना रहा है तो कुछ सत्ता की लोलुप मनुवादी पार्टियां जोकि शुरु से ही अम्बेडकर,मूलनिवासी, एवम् आरछण का खुलकर विरोध करते थे आज जयन्ती मना रहे हैं यही नही आरछण का राग अलाप रहे हैं।सभी भारतीयजानते हैं कि आज राष्ट्रवाद का पेटेन्ट कराने वाले लोग कभी तिरंगे को जलाया करते थे बाबा साहब का पुतला भी जलाया करते थे।यही मनुवादी आज भी समाज में वर्णभेद जातिभेद लिंगभेद पाखण्ड को बढावा देते हैं।आज दलितों शोषितों के बढते हौसलों के आगे ये मनुवादी सत्ता के लालच में गधे को मामा बनाकर पूजने को तैयार है।अरे भाई हमें हमारे हाल पर छोड दो हमें क्या करना है हमारा क्या अधिकार है अब आपसे नही जानना।ये बताओ जब होई धर्म की हानि मुगलो ने 700 साल शासन किया ब्राहमणो ने मुगलो भारत छोडो आन्दोलन नही चलाया क्योकि मुगलो ने जातिभेद बनाये रखा शूद्रो को अधिकार विहीन रखा और ब्राहमणो राजपूतो को शासन मे भागीदार बनाया परन्तु अंग्रेजो ने 200 शासन किया तो ब्राहमणो ने अंग्रेजो भारत छोडो आन्दोलनक्यो चलाया क्योकि अंग्रेजो ने भारत की मनुवादी व्यवस्था को चुनौती दी और शूद्रो को शिक्षा और मानवीय अधिकार देना शुरू किया तो ब्राहमणो ने आजादी का आन्दोलन चलाया क्योकि मनुवाद खतरे मे पड गया था ।ब्राहमण जातिवादी होता है इसलिए पूरे देशे अंग्रेजो के खिलाफ संघर्ष करने लगा ।अंग्रजो भगाकर फिर से मनुवाद स्थापित किया भारतीय संविधान को ब्राहमणनही मानते जातिवाद भेदभाव मनुवाद को लागू करने को ही हिन्दुत्व कहते है ।इसलिए गांधी ने सवर्णो को ही तीन बंदर कहा ब्राहमण राजपूत और वैश्य यही है तीनोबंदर जो शूद्रो अछूतो आदिवासियो मूलनिवासियो के अधिकार हडपने मे आंख कान और मुंह बन्द रखते है ।जागो बहुजन मूलनिवासी जागो ।जय भीम जय भारत। नरेश कुमार शूद सहायक अध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय मूडीखेरा वि ख बेहटा सीतापुर

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