महमूदाबाद अस्पताल में जमीन पर ही प्रसूता ने जन्मा बच्चा



लापता थे डाक्टर, स्टाफ नर्स और आशा बहू
महमूदाबाद (सीतापुर)
      गर्भवती महिलाओं के लिए शासन द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की पोल उस समय खुल गई जब प्रसव वेदना से तड़पती पत्नी की सहायता के लिए पति आशाबहू व स्वास्थ्यकर्मियों के चक्कर लगाता रहा किन्तु सहायता न मिलने से प्रसव वेदना से पीड़ित पत्नी को लेकर पति रिक्शे से महिला अस्पताल पहुंचा। अस्पताल में डाक्टर व स्टाप नर्स नहीं मिलीं। इसी बीच महमूदाबाद के महिला अस्पताल में प्रसूता ने स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के चलते भूमि पर ही बेटे को जन्म दे दिया। भूमि पर प्रसव की सूचना से अस्पताल में हड़कंप मच गया। हद तो तब हो गई जब तैनात डाॅक्टर के न आने से महिला के नवजात शिशु की नाल सफाईकर्मी ने काटी।
       महमूूदाबाद के अतरौली गांव निवासी अबरार प्रसव पीड़ा से पीड़ित अपनी पत्नी जीनतजहां को शुक्रवार की सुबह करीब सात बजे डिलीवरी के लिए महिला अस्पताल लेकर आया था। शासन की योजना के अनुसार प्रसव कराने गांव की आशाबहू को गर्भवती महिलाओं के लिए संचालित समाजवादी स्वास्थ्य सेवा 102 से साथ आना चाहिए था। जीनतजहां के पति अबरार ने बताया कि पत्नी के गर्भ ठहरने के बाद से गांव की आशाबहू गायत्री देवी कभी देखने तक नहीं आईं। कई बार उनसे संपर्क किया गया। पत्नी का शरीर में खून की कमी के कारण सूजन आ गई थी। पीड़ित जीनत का आर्थिक तंगी के कारण समुचित इलाज नहीं करा सका। गांव की एएनएम भी तलाश के बाद नहीं मिली। समय बीतने के साथ जीनत को प्रसव पीड़ा हुई तो आषाबहू के घर गया किंतु वह जीनत को देखने नहीं आईं। शुक्रवार की सुबह करीब चार बजे जीनत को जोर का प्रसव दर्द हुआ तो रिक्शे से महिला अस्पताल लेकर पहुंचा। जीनत को रिक्शे से नीचे बिठाकर अबरार डाक्टर से मिलने गया किंतु डाक्टर व स्टाप नर्स में से कोई नहीं मिला। लौटा तो देखा कि जीनत बेटे को जन्म दे चुकी थी। इसी दौरान समाचार पत्र के प्रतिनिधि महिला अस्पताल के बन रहे नये भवन का फोटोग्राफ लेने पहुंचे। प्रतिनिधि ने देखा कि महिला फर्श पर है। पीडा से कराह रही है। इसी दौरान अस्पताल की स्वीपर हाथ में दस्ताने पहनकर कैंची आदि लेकर आई और जन्मे बच्चे की नाल को काटा। पत्रकार की उपस्थिति की सूचना से  हड़कंप मच गया और अस्पताल में उपस्थित लोगो ने आनन-फानन में महिला को वहां से उठाकर बेड पर पहुंचा दिया। पत्रकार ने जब अस्पताल में इमरजेन्सी ड्यूटी पर लगी डाक्टरों की जानकारी चाही तो पता चला कि कभी भी कोई भी डाक्टर नहीं होती है। आज जो भी स्टाफ नर्स उपस्थित थी वह भी प्रातः छः बजे आवश्यक कार्य से चली गई थी।

बोले अधीक्षक जे0के0 वर्मा

महमूदाबाद, सीतापुर
इस संबंध मंे सीएचसी अधीक्षक डा. जे के वर्मा से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि प्रकरण संज्ञान में आया है। गांव की आशाबहू का दोष प्रतीत होता है। स्टाप नर्स व डाक्टरों के नामौजूदगी की जांच की जा रही है। दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय अधिकारियों को लिखा जाएगा।

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