बडा मंगल पर विशेष
महमूदाबाद, सीतापुर
आज नगर का सबसे व्यस्त और चमकदार चौराहा रामकुण्ड का अतीत धूलभरा रहा है। आजादी मिलने के पूर्व रामकुण्ड के इर्द गिर्द जंगल व रेतीला मार्ग था। रियासत काल में चौराहे से मात्र 100 मी0 दक्षिण बाबा रामदास का स्थान था और चौराहे पर अहरी कुआं था। इसी के पास भक्त शिरोमणि हनुमान जी का छोटा मंदिर था। काफी पुराने व जर्जर हो चुके इस मंदिर का भक्तों ने जीर्णाद्धार वर्ष 1977 में कराया। रामकुण्ड चौराहे पर स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर का जीर्णाद्धार वर्ष 1977 में कराया। रामकुण्ड चौराहे पर स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर का जीर्णाद्धार करके भक्तों ने इस मंदिर का नामकरण श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर रखा। मंदिर पर पूरे ज्येष्ठ माह के मंगलवारों पर मेले का आयोजन होता है सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत जवाबी कीर्तन व कवि सम्मेलन आयोजित किये जाते है। मंदिर के पुरानी बाबा रामप्रकाश बताते है कि मंदिर में वच्छ फाडे आदमकद हनुमान की प्रतिमा के ठीक सामने राम दरबार है। नियमित रूप से सुबह शाम होने वाली आरती में भक्तों की भारी भीड जमा होती है। हनुमान जी मंदिर के गगनचुम्बी गुम्बद व मूर्ति के पृष्ठ भाग में प्राचीन मूर्ति अपने मूल स्थान पर विद्यमान है। पुजारी ने बताया कि दस वर्ष पूर्व वह अयोध्या हनुमान गढी से आकर यहां हनुमान जी की सेवा कर रहे है। उन्होने बताया कि ज्येष्ठ माह में भक्तों की भारी भीड बढ जाती है।
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