महमूदाबाद (सीतापुर)
दशकों से घाघरा नदी की विनाशलीला झेलने वाले रामपुर मथुरा क्षेत्र के दर्जनों गांवों के सैकड़ों किसानों की हजारों एकड़ फसल के साथ भारी जन-धन की हानि को रोकने के लिए करोड़ोें रुपए की लागत से बन रहा बंधा एक भी बरसात नहीं झेल सका। बंधे में जगह-जगह मिट्टी बैठ गई है और बीच में कई स्थानों पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। बाढ़ की विभीषिका से तबाह रहने वाले किसान क्षतिग्रस्त हो रहे बंधे को देखकर हलकान हैं।
रामपुर मथुरा क्षेत्र में बड़ी नदी के नाम से विख्यात घाघरा नदी की प्रलयंकारी बाढ़ दशकों से किसानों की फसल के साथ आशियाने तबाह करती रही है। बीते करीब एक दशक से घाघरा में बैराजों का लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से तबाही झेलना क्षेत्र वासियों की आदत सी बन गई थी। बांधों के पानी को रोकने तथा नदी के किनारे बंधा निर्माण की मांग को लेकर क्षेत्र के समाजसेवी संगठनों द्वारा वर्षों से की जा रही थी। जनहित की मांग को जन प्रतिनिधियों ने गंभीरता से लेकर प्रदेश से लेकर केंद्र तक की सरकारों से समस्या समाधान पर समुचित कदम उठाने की मांग की। लंबी जद्दोजहद के बाद शुरू हुए बांध निर्माण से किसान राहत की सांस लेते हुए काफी खुश थे।
घाघरा नदी के किनारे रेउसा के चहलारी घाट से बाराबंकी के एल्गिन ब्रिज तक 55 किलोमीटर लंबे बंधे का निर्माण हो रहा है। करीब साढ़ पाच सौ करोड़ की लागत से बनने वाले इस बंधे का निर्माण सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड बाराबंकी द्वारा कराया जा रहा है। किंतु बनाया गया बंधा पहली बरसात होते ही किसानों की खुशियां गायब होती दिख रही हैं। पहली बरसात ही बंधा नहीं झेल सका। बंधे के ऊपर पानी भर जाने के बाद जगह-जगह मिट्टी बैठ गई और कई स्थानों पर बंधे के बीच गहरी दरारे पड़ गई है। बंधे की हालत देखकर क्षेत्रवासी परेशान है। इस बंधे के निर्माण से बाराबंकी व सीतापुर के करीब पांच सौ से भी अधिक गांवों के हजारों लोगों को फायदा होगा। पहली ही बरसात में बंधे के धंसने से उसमें दरारें देखकर क्षेत्रवासियों व किसानों के माथे पर चिंता की चकीरें खिंचनी शुरू हो गई हैं। क्षेत्र के समाजसेवियों बुद्धिपुरवा निवासी पूर्व प्रधान अटौरा रामकुमार वर्मा, पूर्व प्रधान अंगरौरा दीपक तिवारी, सरदार रेशम सिंह, मिश्रनपुरवा के जयकरन अवस्थी, रामू तिवारी प्रधान अंगरौरा, ज्ञानेंद्र तिवारी, राधेश्याम पांडेय, छोटेलाल मिश्र, दुर्गेश मिश्र, अमरदीप अवस्थी, रामविजय सोनी, डा. ओपी वर्मा, डा. वीपी सिंह, शिव बालक यादव, सतनाम सिंह, जगदीश नारायण रौतैला सहित सैकड़ों लोगों ने बंधे की मरम्मत कराने की मांग की।