तीन दर्जन से ज्यादा आईएएस अधिकारी कर चुके हैं तारीफमहमूदाबाद, सीतापुर
पारम्परिक खेती की तुलना में वैज्ञानिक विधि से साग, भाजी व पुष्पों की खेती कई गुना लाभदायक है। पुष्पों की खेती के साथ साग, भाजी व फलोत्पादन किया जा सकता है। इस विधि से किसान काफी अच्छा मुनाफा पा सकते हैं। यह बात राजभवन में आयोजित पुष्प प्रदर्शनी में जरबेटा पुष्प में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले पाल्हापुर के प्रगतिशील किसान आर.पी. सिंह ने पत्रकार वार्ता में कही।
पाल्हापुर निवासी आर.पी. सिंह ने बताया कि वह वर्ष 2012 से संरक्षित खेती पाली हाउस बनाकर कर रहे हैं। उन्होने बताया कि पाल्हापुर स्थित उनके पाली हाउस को देखने अब तक आयुक्त महेश गुप्त, जिलाधिकारी पकज कुमार, जेपी सिंह, लाल बिहारी पाण्डेय, प्रमुख सचिव हार्डीकल्चर मनोज सिंह के अलावा तीन दर्जन से अधिक आईएएस व आईपीएस अधिकारी आ चुके हैं। डायरेक्टर उद्यान लगभग प्रत्येक माह पाली हाउस का निरीक्षण करने आते हैं।
मेरे पाली हाउस में विविधि प्रकार के खरबूजों की प्रजातियाॅं विकसित की गईं हैं। इतना ही नहीं पाली हाउस में शिमला मिर्च, अचारी मिर्च, करेला, खीरा, भिण्डी, लौकी, तरबूज, खरबूजा की दर्जनों प्रजातियाॅं विकसित की गई हैं। अधिकारियों के प्रोत्साहन व फल उत्पादन में मिल रहे लाभ से मेरा उत्साह बढ़ा। बीते वर्ष पाली हाउस में फूलों की खेती शुरू की। गत दिनों राजभवन में आयोजित पुष्प प्रदर्शनी में अपने पाली हाउस के जरबेटा पुष्प को प्रदर्शित किया। निरीक्षण के दौरान मेरे जरबेटा पुष्प को प्रथम स्थान के लिए चयनित किया गया। उन्होने कहा कि किसान भाई पारम्परिक खेती के साथ पुष्प व फलोत्पादन को बढावा दें। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।