नहर में समाए बच्चों का नहीं लगा कोई पता, ढूंढने में लगे पीएसी के जवान



राज्यमंत्री भी रखें है नजर

महमूदाबाद (सीतापुर)
        एक ही कक्षा में पढ़ने वाले हमउम्र पांच बच्चों का पढ़ने, खेलने का समय एक था। नगर के अलग-अलग वार्डों में रहने वाले यह बच्चे स्कूल से छूटने के बाद करीब पांच बजे एक साथ अक्सर खेलने के लिए इकट्ठा होते थे। एक भी साथी के न आने पर यह बच्चे उसे घर से बुला लेते थे। शुक्रवार की शाम बच्चों की टीम पर एक गहरा ग्रहण लगा। जिसके चलते दो बच्चे शारदा नहर मेें समा गए और तीन बच्चों को गहरा सदमा लगा। नहर में बच्चों के शवों की तलाश के लिए तीन दर्जन से अधिक ग्रामीण गोताखोर व प्रशिक्षित पीएसी के जवान स्टीमर सहित लगाए गए हैं। नहर के दोनों तरफ हजारों लोगों का तांता लगा है। घटना के 24 घंटे बाद भी शवों का कोई पता नहीं चल सका है। गायब बच्चों के घरों में कोहराम मचा है।
          शक्रवार की शाम करीब साढ़े छह बजे नगर के नई बाजार दक्षिणी निवासी डान बास्को हाईस्कूल के सातवीं कक्षा के छात्र सार्थक (14) पुत्र मुकेश यज्ञसेनी, वार्ड रमुवापुर निवासी अनुभव (14) पुत्र हेमंत, संगत निवासी किरणेश्वर (13) तारकेश्वर भारती, नई बाजर दक्षिणी निवासी पीयूष राठौर (14) राजकुमार राठौर, कटरा निवासी कैफ (15) पुत्र हबीबी एक साथ धूमने के लिए शारदा नहर पटरी की तरफ गए थे। इसके बाद ख्वाबीपुर गांव के पास शारदा नहर पटरी के किनारे स्कूटी खड़ी कर अनुभव शौच के लिए गया था और उसका पैर नहर में फिसल गया जिससे वह डूबने लगा। दोस्त को डूबता देख सार्थक उसे बचाने जा पहुंचा और वह भी गहरे पानी चला गया। दोनों को डूबता देख अन्य दोस्त शोर मचाते हुए वहां से भाग निकले और घरों में पहुंचकर  घटना की जानकारी दी।
      शारदा सहायक नहर में बच्चों के डूबने की सूचना पाकर समाज कल्याण राज्यमंत्री नरेंद्र सिंह वर्मा, एसडीएम अजय कुमार सिंह, कोतवाल आरसी यादव, कस्बा इंचार्ज संत कुमार सिंह ने मौके पर पहुंचकर डूबे बच्चों की तलाश शुरू कराई। सबसे पहले पुलिस ने नहर के बाराबंकी जनपद स्थित भगौली साइफन पर निगरानी करने का संदेश भिजवाया। पड़ोसी ग्राम समनापुर के आधा दर्जन ग्रामीण गोताखोरों को शव तलाश करने के लिए नहर में उतारा। घंटों की मशक्कत के बाद भी कोई सफलता नहीं मिली। नहर के किनारे जनरेटर से उजाला कर रातभर परिजन व समर्थक निगरानी करते रहे। सुबह दूसरे दिन करीब सात बजे पीएसी के जल पुलिस ने स्टीमर नहर में उतारकर करीब छह किलोमीटर दूर तक पूरे दिन नहर खंगालते रहे किंतु सफलता हाथ नहीं लगी। इनके साथ तीन दर्जन से अधिक ग्रामीण गोताखोर भी शवोें को तलाशते रहे। दो बच्चों के शवों को ढूंढने के लिए नहर में जूझ रहे ग्रामीण गोताखोर व पीएसी के जवान तथा बच्चों के शव मिलने की प्रतीक्षा में शोकाकुल परिजनों के साथ बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।


     अनुभव व सार्थक के शुक्रवार को लापता होने के बाद से परेशान परिजनों व पड़ोसियों में शनिवार को भी भारी बेचैनी दिखाई दी। बच्चों के शवों को तलाशने में जुटे जवान व गोताखोरों के प्रयासों को सफलता न मिलने से पूरे बाजार में बंदी के साथ सन्नाटा पसरा रहा। सार्थक के पिता मुकेश व्यवहार कुशल समाजसेवी हैं। इनके साथ अनुभव के पिता भी मिलनसार अधिवक्ता हैं। इन दोनों पर पड़ी विपदा के समय समाज के सभी लोग अपना-अपना कार्य-व्यापार बंद साथ दिख रहे हैं। बच्चें के नहर में लापता होने की घटना की सूचना के बाद डान बास्को स्कूल में शोकसभा कर अवकाश कर दिया गया। सर्राफा व्यापार मण्डल ने दोनो बच्चों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए स्वर्णकारों ने अपने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे।

जानकारी मिलते ही छात्र के घर पहुंची गीता सिंह

महमूदाबाद, सीतापुर
शारदा नहर में डूबे दो बच्चों की जानकारी मिलने पर शुक्रवार की रात करीब 10 बजे उ0प्र0 राज्य महिला कल्याण निगम की अध्यक्षा गीता सिंह  अपने सहयोगियों के साथ मुकेश यज्ञसैनी के आवास पर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की। शुक्रवार को एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने आई गीता सिंह को जब जानकारी मिली कि दो छात्र शारदा नहर में डूब गये हैं। वह अपने सहयोगी राहुल सिंह, संतोष सिंह के साथ मुकेश यज्ञसैनी के आवास पर पहुंची और परिजनों को ढांढस बंधाया। उनके साथ जैन समाज के महामंत्री पारस जैन, राहुल जैन, अमृत जैन, चक्रेश्वर जैन, मुकेश जैन, विकास जैन, राजन जैन आदि भी पहुंचे और संवेदनाएं प्रकट की।




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