भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव पर जैन अनुयायियों ने निकाली भव्य शोभायात्रा



महमूदाबाद, सीतापुर
दीपावली के अवसरपर प्रतिवर्ष लाखों, करोड़ों रूपये की आतिशबाजी, पटाखे इत्यादि में व्यय हो जाते है। मोमबत्ती, लाइट, दीपक इत्यादि से हम आकाश को प्रदीप्त कर देते हैं, किंतु हमारा अंतरंग हृदय पहले के ही समान तिमिराच्छन्न रहता है, अतः अपनी आत्मा के ज्ञानरूपी दीपक को जलाने की आवश्यकता है। यह विचार जैन मुनि श्री 108 यादवेन्द्र सागर महाराज ने भगवान महावीर के निर्वाण दिवस के अवसर पर स्थानीय जैन मंदिर में आयोजित भव्य शोभायात्रा से पूर्व श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए व्यक्त किये। उन्होने कहा  यदि यह दीपक एक बार जल गया तो अनन्तकाल के गहन मिथ्यात्व रूपी अंधकार को तत्क्षण ही मिटाने में समर्थ होगा। भगवान महावीर के परिनिर्वृत्त होने की घटना सर्वोकृष्ट सिद्धि की प्राप्ति की घटना थी, अतः उसी दिन से वीर निर्वाण संवत का प्रचलन हुआ, जो वर्तमान प्रचलित संवतों में सर्वाधिक प्राचीन है और इसका उपयोग निरंतर जैन साधु और लेखक करते आए हैं।
स्थानीय जैन मंदिर मंे भगवान महावीर के निर्वाण महोत्सव के अवसर पर भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें सैकडो महिलाओं और बच्चे हाथ में लाडू सहित सुसज्जित थाल लेकर चल रही थी। शोभायात्रा जैन मंदिर से प्रारम्भ होकर बजाजा बाजार, रामकुण्ड चैराहा, कोतवाली मार्ग, बस स्टाप होते हुए वापस जैन मंदिर पहुंचकर समाप्त हुई। शोभायात्रा के उपरांत सभी 108 महिलाओं द्वारा सामूहिक रूप से भगवान महावीर का निर्वाण महोत्सव का लाडू चढाया गया। प्रथम निर्वाण लाडू चढाने का सौभाग्य के परिवार को प्राप्त हुआ। संचालन महामंत्री पारस जैन ने किया। इस अवसर पर सौधर्म इन्द्र राहुल जैन-स्वाती जैन, ईशान इन्द्र राजेश जैन-मंजू जैन, महेन्द्र इन्द्र विनीत जैन-छवि जैन, सनत कुमार इन्द्र पारस जैन-नीतू जैन, धनकुबेर नीरज जैन-मधू जैन, यज्ञनायक मुकेश जैन-अनीता जैन सहित रचना जैन, अल्का जैन, कुमकुम जैन, रचिता जैन, शशिकला जैन, शिखा जैन, वंदना जैन, कामिनी जैन, आभा जैन, दृष्टि जैन, श्रीमती रेनू जैन, नीतू जैन, छवि जैन, नीलिमा जैन, सरिता जैन, सीमा जैन, प्रीती जैन तथा जैन समाज अध्यक्ष मनोरंजन जैन, वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार जैन, मंत्री जितेन्द्र जैन, कोषाध्यक्ष अमृत जैन, राजन जैन, मुकेश जैन, राहुल जैन, राजेश जैन, विकास जैन, शैलेश जैन, मोहित जैन, विनीत जैन, ऋषि जैन आदि उपस्थित थे।





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