अंहकारी मनुष्य कभी दूसरों की भलाई के बारे में नहीं सेाचता- कृष्ण मुरारी

महमूदाबाद, सीतापुर
 अहंकार मनुष्य को पथ भ्रष्ट करने के साथ-साथ उसे अपनों से दूर कर देता है। जब तक मनुष्य के हृदय में अहंकार का वास रहता है तब तक उसे ईश्वर की प्राप्ति नहीं होती। अंहकारी मनुष्य कभी दूसरों की भलाई के बारे में नहीं सेाचता। विनम्र व सज्जन व्यक्ति ही परोपकार करके पुण्य के भागी बनते हैं। हमें दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा हम अपने लिए पसन्द करते हैं। मृदुभाषी, ईमानदार, कत्र्तव्यनिष्ठ, सदाचारी, परोपकारी, विनयशील और चरित्रवान लोग सारे संसार में सम्मान से विभूषित किए जाते हैं।
    महमूदाबाद के बेल्दारी टोला वार्ड में प्रभु श्रीराम की पावन कथा का वाचन करते हुए पं. कृष्ण मुरारी पाण्डेय ने यह बात कही। 27 नवम्बर से चल रही पावन रामकथा के अन्तिम दिन उन्होंने मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम व भगवती सीता के विवाह की कथा का रसास्वादन भक्तों को कराया। उन्होंने धनुषभंग, परशुराम संवाद, राम-जानकी विवाह की कथा का विस्तारपूर्वक मार्मिक प्रस्तुतीकरण किया।
    इस अवसर पर पूर्व चेयरमैन सुरेश वर्मा, राजनारायण पोरवाल, त्रिलोक वर्मा, उमेश वर्मा, रमाकान्त पोरवाल, देशराज वर्मा, सत्यम् वर्मा, अंशुल जैन, पप्पू कश्यप, सन्दीप जायसवाल सहित बड़ी संख्या में कथा पे्रमी मौजूद थे। आयोजक उमाकान्त पोरवाल ने बताया कि आज प्रातः दस बजे से विशाल भण्डारे एवं रात्रि में भजन कीर्तन के कार्यक्रम के पश्चात श्रीराम कथा का समापन होगा।

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