पुलिस और डायल 100 के विवाद में फरार हुए खनन माफिया


डायल 100 प्रभारी और कोतवाल आपस में भिडे़़, 6 ट्रैक्टर और दो जेसीबी भी मशीन

आयुष जैन- महमूदाबाद समाचार डेस्क।
एक ओर जहां अवैध खनन पर जहां सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह से सख्ती दिखा रहा है वहीं महमूदाबाद पुलिस के सूरमा अवैध खनन को संरक्षण देते नजर आ रहे है। ऐसा ही एक मामला महमूदाबाद का है। महमूदाबाद के वार्ड बेहटी में बने एक तालाब पर अवैध मिट्टी खनन की सूचना पर पहुंची डायल 100 और तत्पश्चात कोतवाली पुलिस के कोतवाल आपस में भिड गये। उधर विवाद के चक्कर में खनन माफिया दो जेसीबी और 6 ट्रालियों सहित स्थल से फरार हो गये।



मिली जानकारी के अनुसार कोतवाली महमूदाबाद के तहत वार्ड बेहटी में बने एक तालाबनुमा खेत में 22 जनवरी की रात नौ बजे अवैध खनन की सूचना किसी ने 100 नं. कण्ट्रोल रूम को दी। कण्ट्रोल रूम को मिली सूचना पर तुरंत डायल 100 की गाडी 1836 के प्रभारी विजय मिश्रा अपने अधीनस्थों के साथ मौके पर पहुंचे। बकौल विजय मिश्रा की मानें तो उनके पहुंचते ही डायल 100 की गाडी को सैकडो लोगो ने घेर लिया। अपने को घिरता देख विजय मिश्रा ने तत्काल कण्ट्रोल रूम, पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को अवगत कराया। कण्ट्रोल रूम की सूचना पर तुरंत डायल 100 की दूसरी गाडी घटना स्थल पर पहुंची। दूसरी गाडी के पहुंचते ही वहां से लोग फरार हो गये। करीब 11.30 बजे कोतवाली पुलिस के कोतवाल धर्मेन्द्र कुमार रघुवंशी खनन स्थल पर पहुंचे और पहुंचते ही डायल 100 प्रभारी के साथ भिड गये। कोतवाल का कहना था कि छापे की सूचना उन्हें क्यों नहीं दी गई? दोनो के बीच काफी कहासुनी का फायदा उठाकर वहां से अवैध खनन माफिया, दो जेसीबी और करीब आधा दर्जन ट्रैक्टर ट्राली फरार हो गई। कोतवाली प्रभारी और डायल 100 दोनो हाथ मलते रह गये।



विजय मिश्रा ने कहा कि कोतवाली प्रभारी ने खनन माफियाओं को संरक्षण दे रखा है और उनकी वजह से खनन माफिया फरार होने में सफल रहे। मौके पर बची दो खाली ट्रैक्टर ट्रालियों को डायल 100 सुबह लगभग 10 बजे कोतवाली लेकर पहुंची। जिस पर कोतवाली प्रभारी ने 100 नं. प्रभारी से अवैध खनन की लिखित सूचना व ट्रैक्टर ट्राली के सम्बंध में सुपुर्द करने की बात कही। जिस पर डायल 100 प्रभारी ने कहा कि हमें कण्ट्रोल रूम से केवल इतना कहा गया है कि आप दोनो कोतवाली पुलिस के हवाले कर दें । कण्ट्रोल रूम के कहने पर ही मेरे द्वारा कुछ लिखित दिया जायेगा।  उक्त प्रकरण में किसी तरह की कोई गिरफ्तारी भी नहीं हो सकी। मौके पर मौजूद सभी खनन कारी पूरी तरह से भागने में सफल रहे।



उक्त प्रकरण के बाद से एक ओर जहां महमूदाबाद में एक बार फिर पुलिस की साख को जबरदस्त बट्टा लगा वहीं डायल 100 भी सवालिया निशान के घेरे में आ गई। इतनी बडी तादाद में खनन माफियाओं का फरार होना और पुलिस के हाथ मलते रह जाना पुलिस के लिए किसी बडी नाकामी से कम नहीं है। अब सवाल यह खडा होता है कि उक्त प्रकरण के बाद क्या कोतवाल पर कोई कार्यवाही होगी? क्या डायल 100 पर कोई कार्यवाही होगी?।


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