महमूदाबाद में बनेगा एक भव्य मेडिकल कालेज- डा. अम्मार रिजवी


पूर्व मंत्री ने दिया क्षेत्र में एक मेडिकल कालेज बनाने का आश्वासन

विश्वविद्यालय बनाने की ओर तेजी से उठाये जा रहे है कदम....
क्रीडा समारोह में मार्चपास्ट की सलामी लेते डा. अम्मार रिजवी व मार्चपास्ट करते एनसीसी कैडेट्स

Mahmudabad Samachar Desk Mahmudabad.

Reporter By Ayush Jain.

जवाहर लाल नेहरू पालीटेक्निक के वार्षिक क्रीडा समारोह के शुभारम्भ अवसर पर पहुंचे मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री डा. अम्मार रिजवी ने क्षेत्र में एक आधुनिक सुविधाओं से लैस मेडिकल कालेज बनवाने का भी आश्वासन दिया। उन्होने वहां मौजूद छात्रों व क्षेत्रवासियों से कहा कि मैने क्षेत्र में विश्वविद्यालय के प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से वार्ता हो गई है। जिस पर मुख्यमंत्री ने महमूदाबाद आगमन पर कहा था कि शहर में स्थापित मौलाना आजाद इंस्टीटयूट को रूलर यूनिवर्सिटी के रूप में स्थापित किया जायेगा इसके लिये थोडी सी भूमि की आवश्यकता है। विश्व विद्यालय के लिए शहरी क्षेत्र में भूमि की आवश्यकता है। इसमें आप सभी मेरी सहायता करें। उन्होनें स्वास्थ चिकित्सा के एक बड़े इंस्टीट्यूट बनाने की बात करते हुए कहा कि क्षेत्र किसी व्यक्ति को जब बै्रनहैम्ब्रिज या दिल का दौरा पड़ने की शिकायत होती है तो उसे तत्काल उपचार की जरूरत होती है। इसके लिये मैं क्षेत्र में एक मेडिकल कालेज स्थापित करूंगा। साथ ही जवाहर लाल नेहरू पालीटेक्निक में पूर्व में घोषित पं0 जवाहर लाल नेहरू जी प्रतिमा को शीघ्र ही स्थापित करने के साथ कैम्पस में एक भव्य पवेलियन व स्टेडियम भी बनाया जायेगा। ऐसी सुविधा उपलब्ध कराने के साथ पालीटेक्निक को इंजीनियरिंग कालेज बनाने का लक्ष्य है।
जवाहर लाल नेहरू पालीटेक्निक के वार्षिक क्रीडा समारोह अवसर पर संस्था अध्यक्ष डाॅ अम्मार रिजवी ने कहा कि आज देश विज्ञान, टेक्नोलाजी के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है इसका स्वप्न पं. जवाहर लाल नेहरू जी ने देखा था। उन्होने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में देश में कम्प्यूटर, वैज्ञानिक उपकरण आदि का चलन करवाया था। जिस समय अमेरिका जैसे विकसित देश टेक्नालाजी और विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर में प्रगति कर रहे थे उस पर प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू जी ने देश के युवाओं को कम्प्यूटर प्रदान किया था और आज हमारा देश कम्प्यूटर, मोबाइल, इण्टरनेट आदि की सुविधाओं में लगभग अमेरिका के बराबर खडा है। यह सब देन पं. जवाहर लाल नेहरू जी की है और उन्ही से प्रेरित होकर मैने सोचा  िकइस संस्था का नाम  जवाहर लाल नेहरू पालीटेक्निक रखा जाए। मैने जवाहर लाल नेहरू पालीटेक्निक की स्थापना मैने क्षेत्र के युवाओं व छात्रों की जरूरतों को देखते हुए मैने की थी। उस समय जब मैं मंत्री पद पर था क्षेत्र के लोगो ने क्षेत्र विकास के लिये मुझे चुना था मैने क्षेत्र के लोगो की जरूरतों और उनकी आवश्यकतों तथा उनके विश्वास को पूरा करते हुए क्षेत्र में विकास किया था। एक संस्था बनाना आसान होता है, संस्था में सुविधाएं देना आसान होता है लेकिन एक संस्था को निरंतर बेहतर प्रदर्शन के साथ चलाना कठिन कार्य है। आज जवाहर लाल नेहरू पालीटेक्निक का नाम देश में तो है ही विदेशों में भी संस्था ने अपनी अलग पहचान बनाई है। मै जब भी विदेशों में रहा हूं चाहे ब्रिटेन हो, रोम हो मुझे दो तीन लोग ऐसे जरूर मिले है जो आपकी ही इस संस्था से पढे है और आज विदेशों में कार्यरत है।

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